क्या है CrowdStrike? Windows के ठप होने के पीछे बताई जा रही ये वजह

News Desk

CrowdStrike:

CrowdStrike: दुनियाभर में कल माइक्रोसॉफ्ट विंडोज यूजर को परेशानी का सामना करना पड़ा, दरअसल ये परेशानी माइक्रोसॉफ्ट विंडोज के ठप पड़ने के कारण हुई. इस कारण से दुनियाभर में फ्लाइट सेवाओं के साथ-साथ बैंक, शेयर बाजार आदि प्रभावित रहा. इन सब के पीछे का कारण CrowdStrike बताया जा रहा है. दरअसल CrowdStrike के एक नए अपडेट के कारण ये समस्या सामने आयी. वहीं CrowdStrike ने अपनी गलती को स्वीकार भी किया और बताया की उसके इंजीनियर समस्या का समाधान निकलने में लगे हुए हैं. लेकिन क्या आपको पता है की आखिर CrowdStrike है क्या? आइये जानते हैं इस लेख में.

क्या है CrowdStrike?

अमेरिकी कंपनी विंडोज का नाम तो आप सभी ने सुना होगा. आज आपको बताते है CrowdStrike के बारे में. दरअसल CrowdStrike विंडोज कंप्यूटर के लिए एडवांस्ड साइबरसिक्योरिटी सॉल्यूशन देता है. इसको थोड़ा आसान भाषा में समझते हैं. CrowdStrike एक साइबर सिक्योरिटी कंपनी है जो आईटी की दुनिया में कंपनियों को हैकर्स से सुरक्षित रखती है. इस कंपनी का काम कंपनियों को साइबर अटैक, हैकर्स, रैंसमवेयर और डेटा लीक से बचाना है. इस कंपनी के कस्टमर्स काफी बड़े-बड़े बैंक, यूनिवर्सिटी, सरकारी एजेंसियां हैं. हाल ही के दिनों में बढ़ते हुए साइबर अटैक को देखते हुए कई फर्म की निर्भरता CrowdStrike पर बढ़ी है.

क्या काम करती है CrowdStrike

अब बात करते हैं की आखिर CrowdStrike बेचता क्या है. CrowdStrike का मेन प्रोडक्ट है CrowdStrike Falcon. कंपनी द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक CrowdStrike Falcon यूजर को रियल टाइम साइबर अटैक की जानकारी देता है. इसके साथ ही कंपनी हाइपर एक्यूरेट डिटेक्शन और ऑटोमेटिक प्रोटेक्शन भी देता है. कंपनी ने शुक्रवार के दिन Falcon में नया अपडेट जारी किया था, जिसके कारण दुनिया भर में विंडोज की सेवा प्रभावित हुई. इस नए अपडेट में हुए क्रैश के कारण ही कल हुए विंडोज के सेवा में दिक्कत की वजह बताई जा रही है.

कौन है मालिक

CrowdStrike की स्थापना साल 2012 में हुई थी. इस कंपनी को McAfee के पूर्व कर्मचारी George Kurtz शुरू किया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस कंपनी का कोई एक मालिक नहीं है, बल्कि इस कंपनी में कई छोटे बड़े इन्वेस्टर्स हैं. CrowdStrike का 40 प्रतिशत हिस्सा संस्थागत निवेशों के पास है, वहीं बाकि का हिस्सा पब्लिक कंपनी और इन्वेस्टर्स के पास है. इसका सबसे बड़ा हिस्सा Vanguard ग्रुप के हिस्से में है.

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